Hiama Cupping Therapy Center kolkata Giloy Benefits गिलोय क्या है? गिलोय के औषदि गुण क्या है? 0 Reviews Hiama Cupping Therapy Center kolkata Add to Cart Checkout Short Description: Product Description गिलोय को आप जानते ही हो गये। कयोकि गिलोय के बेल भारत सब जगा आसानी मिल जाती है। गिलोय आयु कई वर्षों की होती है।इस को कई नाम से जाना जाता है जैसे की मधुपर्णी, अमृता, तंत्रिका, कुण्डलिनी गुडूची आदि इसी के नाम हैं। गिलोय की बेल प्राय कुण्डलाकार चढ़ती है।गिलोय नीम और आम के वृक्ष के पास में यह उग जाती है। नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय को औषधीय दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसके बेल की मोटाई छोटी अंगुली से लेकर अंगूठे जितना मोटा हो सकता है। इसके पत्ते पान के जैसे देखते है। इसमें ग्रीष्म ऋतु में छोटे−छोटे पीले रंग के फूल आते हैं। इसके फल मटर के दाने के आकार के होते हैं जो पकने पर लाल हो जाते हैं। औषधि के रूप में इसके बेल और पत्तों का प्रयोग किया जाता है। गिलोय के बेल में स्टार्च के अलावा अनेक जैव सक्रिय पदार्थ पाए जाते हैं। इसमें तीन प्रकार के एल्केलाइड पाए जाते हैं जिनमें बरबेरीन प्रमुख है। इसमें एक कड़वा ग्लूकोसाइड गिलोइन भी पाया जाता है। इसके धनसत्व में जो स्टार्च होता है वह ताजे में 4 प्रतिशत से लेकर सूखे में 1.5 प्रतिशत होता है। जड़, काण्ड तथा पत्तों के अलावा गिलोय का धनसत्व भी प्रयोग किया जाता है। गिलोय के फायदे: खांसी के इलाज के लिए गिलोय: गिलोय के प्रयोग से बहुत पुरानी खांसी का इलाज किया जाता है।दो चम्मच गिलोय का रस नीकल कर हर रोज सुबह लेने से खांसी से राहत मिलती है। यह उपाय तब तक आजमाए जब तक खांसी पूरी तरह ठीक ना हो जाए। गिलोय के फायदे बुखार करे ठीक: गिलोय में ज्वर हटाने वाले गुण होते हैं इसलिए गिलोय को बुखार कम करने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है| गिलोय का रस शहद के साथ लेने से मलेरिया जैसे बुखार भी दूर हो जाता है| आजकल के समय मे चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार के ठीक होने के बाद भी मरीज महीनों तक जोड़ों के दर्द होने से परेशान रहता है इस स्थिति में गिलोय की पत्तियों से बना काढ़ा लाभ करता है | इसमें 10-20 मि.ली. अरंडी के तेल को मिलाकर पीने से और भी लाभ मिलता है। और पढ़े: बुखार मे गोखरू के फायदे गिलोय का उपयोग बवासीर का इलाज करे: गिलोय के लाभ पाचन समस्या को दूर करने के साथ ही बवासीर का इलाज करने में भी होते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि गिलोय में बवासीर का इलाज करने के गुण होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर गिलोय बवासीर की सूजन और दर्द से भी राहत दिला सकते हैं। इसके लिए गिलोय के रस का नियमित सेवन करना लाभकारी होता है। गिलोय के फायदे मधुमेह को रोके मधुमेह भारत जैसे देशों में एक आम समस्या बन चुकी है। लेकिन गिलोय के फायदे डायिबिटीज को रोकने में सहायक होते हैं। गिलोय में हाइपोग्लाइकेमिक गुण पायें जाते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदतगाऱ होते है। इसलिए गिलोय को मधुमेह रोगीयों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है।मधुमेह रोगी अपने रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए गिलोय रास का सेवन करे तो बहुत लाभदायक हैं। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो गिलोय के फायदे आपके लिए संजीवनी बुटी हो सकते हैं।Hijama Cupping Detox Therapy Clinic kolkata.211 jodhpur Gardens.Beside Honda ShowRoom.Opp: Southcity Mall. Kolkata.700045Whatsapp: +918584888871. www.cuppingtherapykolkata.com
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